खतरे की देहरी पर खड़ी मानव सभ्यता को बचाना होगा। खतरे की देहरी पर खड़ी मानव सभ्यता को बचाना होगा।
अब हमारे घर की मुंडेर पर गौरैया नहीं आती, ये टीस हमें सालती है। अब हमारे घर की मुंडेर पर गौरैया नहीं आती, ये टीस हमें सालती है।
खुद को सभ्य दिखाते हो, सच में तो हमसे ज्यादा जंगली हो... खुद को सभ्य दिखाते हो, सच में तो हमसे ज्यादा जंगली हो...
न सत्य असत्य, न हित परहित, निज संस्कृति हम दे रहे छोड़। न सत्य असत्य, न हित परहित, निज संस्कृति हम दे रहे छोड़।
विभिन्न नामों से मैं पुकारी जाती हूँ, कभी कहीं मैं देवी रूप में पूजी जाती हूँ विभिन्न नामों से मैं पुकारी जाती हूँ, कभी कहीं मैं देवी रूप में पूजी जाती ...
नदियों से ही जीवन उपजा इनका दिल से धन्यवाद करें..। नदियों से ही जीवन उपजा इनका दिल से धन्यवाद करें..।